संगत का असर Butterfly & Beetle Story
एक भंवरे की मित्रता एक गोबरी (गोबर में रहने वाले) कीड़े से थी ।
एक दिन कीड़े ने भंवरे से कहा- भाई तुम मेरे सबसे अच्छे मित्र हो, इसलिये मेरे यहाँ भोजन पर आओ ।
भंवरा भोजन खाने पहुँचा, बाद में भंवरा सोच में पड़ गया- कि मैंने बुरे का संग किया इसलिये मुझे आज गोबर खाना पड़ा ।
अब भंवरे ने कीड़े को अपने यहां आने का निमंत्रन दिया कि तुम कल मेरे यहाँ आओ ।
अगले दिन कीड़ा भंवरे के यहाँ पहुँचा, भंवरे ने कीड़े को उठा कर गुलाब के फूल में बिठा दिया, कीड़े ने परागरस पिया, मित्र का धन्यवाद कर ही रहा था कि पास के मंदिर का पुजारी आया और फूल तोड़ कर ले गया और बिहारी जी के चरणों में चढा दिया,
कीड़े को ठाकुर जी के दर्शन हुये। चरणों में बैठने का सौभाग्य भी मिला, संध्या में पुजारी ने सारे फूल इक्कठा किये और गंगा जी में छोड़ दिए, कीड़ा अपने भाग्य पर हैरान था, इतने में भंवरा उड़ता हुआ कीड़े के पास आया, पूछा-मित्र ! क्या हाल है ? कीड़े ने कहा-भाई ! जन्म-जन्म के पापों से मुक्ति हो गई, ये सब अच्छी संगत का फल है ।
संगत से गुण ऊपजे, संगत से गुण जाए ।
लोहा लगा जहाज में, पानी में उतराय ।।
कोई भी नही जानता कि हम इस जीवन के सफ़र में एक दूसरे से क्यों मिलते है, सब के साथ रक्त संबंध नहीं हो सकते परन्तु ईश्वर हमें कुछ लोगों के साथ मिलाकर अद्भुत रिश्तों में बांध देता हैं, हमें उन रिश्तों को हमेशा संजोकर रखना चाहिए ।
परमात्मा सदैव सबको सुखी रखें...
🙏 जय जय ठाकुरजी...! 🙏
Labels: Motivational
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